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[फ्री] B.Ed First Year Nots in Hindi PDF Download / बी.एड
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About
नमस्कार साथियों आज हम गांधी
विद्या मंदिर के B.ed प्रथम वर्ष
के पाठ्यक्रम के 8- कोर्स का
विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे।
प्रत्येक कोर्स की सभी इकाइयों
के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन
करेंगे जिसमें कोर्स बाल्यावस्था वर्दी
और अधिगम कोर्स 2 में समकालीन
भारत में शिक्षा और कोर्स 3 में
समग्र स्वास्थ्य के लिए योग कोर्स 4
मे अंडरस्टैंड डिसिप्लिन एंड ग्रोइंग अप
गांधी विद्या मंदिर
Course-1
या
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बाल्यवस्था वृद्धि एवं अधिगम
Unit-1
बाल्यावस्था और बाल विकास,
शिक्षा मनोविज्ञान:- अर्थ कार्यक्षेत्र कक्षा की स्थिति विभिन्न शिक्षा मनोवैज्ञानिक और उनके योगदान
शिक्षक और विद्यार्थी के लिए मनोविज्ञान का महत्व। बचपन:- अर्थ अवधारणा और विशेषताएं। वृद्धि और विकास की अवधारणा विकास के आयाम और सिद्धांत विकास को प्रभावित करने वाले कारक जैसे परिवार के संदर्भ में विद्यालय और अधिगम के साथ उनका संबंध। बचपन और बाल विकास( शिक्षण और अधिगम में निहित)
पर्यावरण और अनुवांशिकता की भूमिका।
यूनिट 2
किशोर विकास और व्यक्तिगत कारक या तत्व। किशोर:- अर्थ अवधारणा और विशेषताएं। शिक्षक के लिए किशोर विकास का आशय शिक्षण और अधिगम। संज्ञानात्मक सामाजिक शारीरिक भावनात्मक और नैतिक विकास का नमूना और किशोर विद्यार्थी की विशेषताएं। व्यक्तित्व:- अर्थ संप्रत्यय प्रकार प्रभावित करने वाले कारक सिद्धांत और आकलन समायोजन और इसके तंत्र व को समायोजन। व्यक्तित्व गत अंतर:- अर्थ प्रकार और व्यक्ति को प्रभावित करने वाले कारकों में अंतर। प्रिया गेट कॉल वर्ग और वाइगोत्सकी:- निर्माण और महत्वपूर्ण दृष्टिकोण। प्रतिभाशाली रचनात्मक और विशेष रूप से सक्षम विद्यार्थियों को संबोधित करना।
यूनिट 3
अधिगम और अधिगम की कठिनाइयां। अधिगम:- अर्थ संप्रत्यय प्रकार प्रकृति प्रभावी अधिगम के कारक अधिगम के सिद्धांत शिक्षक के लिए प्रभावी अधिगम। अधिगम प्रक्रिया अनुभूति और भावना अभिप्रेरणा और अधिगम। अधिगम के योगदान में व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारक। अधिगम के आयाम प्रभावी संज्ञान और मनो प्रेरणा। विविध शिक्षार्थियों को समझना पिछड़े सामाजिक रूप से प्रताड़ित प्रतिभाशाली रचनात्मक विकलांग बालकों के साथ अधिगम। अभिप्रेरणा:- अर्थ संप्रत्यय अधिगम के लिए अवश्य और उपलब्धि।
यूनिट 4
मानसिक स्वास्थ्य और स्वच्छता। मानसिक स्वास्थ्य और स्वच्छता:- अर्थ संप्रत्यय और इस को प्रभावित करने वाले कारक। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का विकास। व्यक्तिगत और पर्यावरण स्वच्छता। शिक्षक और शिक्षार्थी यों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य। समायोजन:- अवधारणा समायोजन के तरीके तंत्र और को समायोजन समायोजन में शिक्षक की भूमिका।
यूनिट 5
शिक्षा में निहितार्थ शिक्षा। स्वयं अवधारणा शिक्षार्थी के सामाजिक कौशल। बुद्धिमता:- अवधारणा सिद्धांत और उसका मापन। विभिन्न बुद्धिमता:- अर्थ परिभाषा संप्रत्यय और सिद्धांत। बहुआयामी बुद्धिमता के निर्माण के महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य और उसका आशय।
रचनात्मकता:- अर्थ परिभाषा संप्रत्यय और सिद्धांत।
Course-2
समकालीन भारत में शिक्षा या एजुकेशन इन कंटेंपरेरी इंडिया
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यूनिट 1
डायवर्सिटी इन कंटेंपरेरी इंडिया सोसाइटी एंड एजुकेशन
स्वदेशी:- अर्थ अवधारणा और विशेषताएं। शिक्षा का अर्थ और प्रकृति। शिक्षा के अर्थ अवधारणा पर सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव। समाज और शिक्षा पर सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक तकनीकी। शैक्षणिक संस्थानों की नई सामाजिक व्यवस्था बनाने में भूमिका। कक्षा:- एक समाज के संदर्भ में।
यूनिट 2
Education management या शैक्षणिक व्यवस्था
शिक्षा व्यवस्था की अवधारणा और कार्य। राजस्थान में शिक्षा। विकेंद्रित योजना के अनुसार शिक्षा। विद्यालय में एक शैक्षणिक इकाई के रूप में। शिक्षा व्यवस्था सूचना प्रणाली:- जिले में ब्लाक स्तर पर। शिक्षा अभियान। राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय सुरक्षा।
यूनिट 3
कांस्टीट्यूशनल प्रोविजन गाइडलाइन टू एजुकेशन या शिक्षा के मार्गदर्शक के रूप में संवैधानिक प्रावधान
शिक्षा से संबंधित संवैधानिक प्रावधान। मानव बाल अधिकार तथा मूल्यों व शिक्षा परिषद अनेक प्रावधान। एनसीपीसीआर अर्थात बाल अधिकार संरक्षण आयोग या नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड। शिक्षा मुद्दों और समस्याओं के संवैधानिक प्रावधान।
यूनिट 4
उभर्ती भारतीय चिंताएं और उनके शैक्षिक आशय
अर्थ संप्रत्यय और उदासी करण की शिक्षा पर प्रभाव वैश्वीकरण सरकारी करण और निजी करण। शिक्षा का स्तरीकरण निजी करण। शिक्षा का स्तरीकरण:- अवधारणा और प्रक्रिया। औपनिवेशिक शिक्षा और प्रयोगों की वैकल्पिक राष्ट्रवादी आलोचना। सीमांत समूह है:- एक्स महिलाएं दलित जनजातीय लोग आदि के लिए शिक्षा और पारिवारिक व सामुदायिक स्वच्छता।
Unit-5
शैक्षिक मंच का संगठन
प्राथमिक और माध्यमिक मैं शैक्षिक मंच का संगठन। आर आई ई:- रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन अर्थात शिक्षा के क्षेत्रीय संस्थान। एसआईईआरटी:- स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग अर्थात राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान। एसबीआर:- सोशल बिहेवियर एंड एजुकेशनल रिसर्च अर्थात सामाजिक व्यवहारिक और शैक्षिक अनुसंधान। डीआईआईटी:- डिस्टिक इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन एंड ट्रेंनिंग अर्थात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान।
शैक्षिक पहल:- बालिका शिक्षा फाउंडेशन कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय राजस्थान पाठ्यपुस्तक बोर्ड भारतीय स्काउट और गाइड राष्ट्रीय सैनिक स्कूल सैनिक विद्यालय मॉडल स्कूल ई-मित्र की शिक्षा राज शिक्षा ई डी यू एस ए टी ज्ञान दर्शन और ज्ञानवाणी।
शिक्षा का अधिकार एसएस यूपी के लिए नीतियां नई तालीम। ऐसे से:- सर्व शिक्षा अभियान। यूनिवर्सल एलिमेंट्री एजुकेशन अर्थात सार्वभौमिक प्रारंभिक शिक्षा।
Course-3
समग्र स्वास्थ्य के लिए योग ( योगा फॉर हॉलिस्टिक हेल्थ)
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यूनिट 1
समग्र स्वास्थ्य के मूल सिद्धांत। समग्र स्वास्थ्य की अवधारणा या संप्रत्य। समग्र स्वास्थ्य के लिए शिक्षा की आवश्यकता और विस्तार। समग्र स्वास्थ्य के लिए शिक्षा का भारतीय और पश्चिमी संदर्भ। समग्र स्वास्थ्य के विकास के आयाम।
यूनिट 2
योग के आध्यात्मिक आधार
लौकिक और वास्तविक के मूल घटक के रूप में पुरुष और प्रकृति का संप्रत्यय। अंतःकरण मन बुद्धि चित्त अहंकार की अवधारणा।
यूनिट 3
योग शिक्षा के दर्शन।
योग:- अर्थ और परिभाषा। योग की जरूरत महत्व और विस्तार। स्वस्थ और एकीकृत जीवन जीने के रूप में योग। योग मनुष्य के सामाजिक नैतिक उत्थान के मार्ग के रूप में। योग अध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के रूप में आतम अनुभूति प्रत्यक्ष अनुभूति।
यूनिट 4
विभिन्न व्यवसाय योग प्रणाली और योग की विशेषताएं
पतंजलि का अष्टांग योग (यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि।), । भगवत गीता की भक्ति ज्ञान कर्म योग। अरविंदो का अभिनय योग और योग के आधुनिक विद्यालय। एक योग व्यवसाई के लक्षण।
यूनिट 5
योग के साधन
ध्वनि भौतिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले विभिन्न आसन और प्राणायाम। ध्यान और इसके चिकित्सीय मूल्य। ध्यान के चयनित मार्ग। कोविड-19 के बारे में जागरूकता:- एकांत को रनटाइम के दौरान घर की प्रणाली या तंत्र
Paper- 4
Understanding discipline and subject
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Unit-1
अनुशासनात्मक ज्ञान, ज्ञान की परिभाषा ,ज्ञान के कॉलअनूक्रमिक विकास की समझ विकसित करना 21वीं सदी में ज्ञान का निर्धारण और अनुवर्तन विद्यालय के पाठ्यक्रम में अनुशासनात्मक ज्ञान की प्रकृति और भूमिका पर चिंतन या विमर्श विद्यालय में विशेष शिक्षण या विषय वस्तु शिक्षण का क्रम इत्यादि प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा या विमर्श पाठ्य पुस्तकों की प्रकृति की समझ विषय वस्तु के प्रतिमान का ज्ञान।
Unit- 2
अनुशासनात्मक क्षेत्र।
पिछली दो शताब्दियों में अनुशासन और विद्यालय विषयों की पुनर परिभाषा और सुधार (सामाजिक राजनीतिक और बौद्धिक संदर्भ में विशेष रूप से) ।
विद्यालय पाठ्यक्रम की समग्र योजना में बादशाह गणित विज्ञान सामाजिक विज्ञान जैसे अनुशासनात्मक क्षेत्रों की भूमिका( दार्शनिक जॉन डेवी के दृष्टिकोण से) ।
अनुशासनात्मक क्षेत्र में विशाल या बड़े परिवर्तन (विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान और भाषाई विज्ञान के संदर्भ में)।
Unit- 3
अनुशासन की विषय वस्तु
पाठ्यक्रम में विषय वस्तु चयन के मानदंड।
इसके माध्यम से विद्यार्थियों के अपने ज्ञान के निर्माण के लिए विषय वस्तु का परिवर्तन।
विद्यालय पाठ्यक्रम से किसी विषय क्षेत्र को शामिल करना है या बाहर करने के मानदंड।
Unit- 4
अनुशासन में विकास
विद्यालय स्तर के पाठ्यक्रम में हाल ही के विकास और स्वतंत्रता के बाद के गुण सरकारी नीतियों में विज्ञान गणित भाषा और सामाजिक विज्ञान का शिक्षण स्तर। चिंतन या सोचने के तरीके:- अर्थ संप्रत्यय और इस को प्रभावित करने वाले कारक। सकारात्मक सट्टा और प्राथमिक करण केंद्रीय चितन के तरीके शुद्ध और अनुपयुक्त विज्ञान सामाजिक विज्ञान और मानविकी पर इनके प्रभाव।
Unit- 5
अनुशासन का स्वरूप या बनावट।
पाठ्यचर्या और पाठ्यक्रम के बीच अंतर। पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक का स्वरूप या बनावट। अच्छी पाठ्यपुस्तक पत्रिका और संचार चयन के मानदंड।
Paper- 5
Teaching and learning
(शिक्षण और अधिगम)
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Unit-1
शिक्षण अधिगम के मनोवैज्ञानिक आयाम
संज्ञानात्मक मनोविज्ञान का अर्थ संप्रत्यय महत्व क्षेत्र और शिक्षण अधिगम के साथ संबंध सामाजिक विकास का अर्थ संप्रत्यय महत्व या सामाजिक प्रक्रिया तथा इनका शिक्षण अधिगम पर प्रभाव सामाजिक निर्माण के सिद्धांत। सामाजिक विकास का अर्थ संप्रत्यय प्रक्रिया और आवश्यकता तथा इनका शिक्षण अधिगम प्रक्रिया पर प्रभाव। आध्यात्मिक विकास का अर्थ संप्रत्य अवधारणा या कंसेप्ट महत्व क्षेत्र तथा इनका शिक्षण अधिगम में संबंध।
Unit- 2
प्रभावशाली शिक्षण।
प्रभावशाली शिक्षण:- अर्थ कारक मानदंड और क्षेत्र शिक्षकों को स्कूल का परिचय शिक्षण के सिद्धांत कक्षा कक्ष अनुदेशन रणनीतियां अधिगमकर्ता के रूप में शिक्षक शिक्षक की जिम्मेदारियां।
सांस्कृतिक विविधता वाले विद्यार्थियों के लिए शिक्षण सांस्कृतिक संदर्भ के शिक्षण शास्त्र का सिद्धांत।
Value of personal relation between teacher and learners relation among learners( विद्यार्थियों के पारस्परिक संबंध )आतम गौरव विद्यार्थी द्वारा स्वतंत्रता का अनुभव
शिक्षण प्रतिमान शिक्षण और अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।
Unit- 3
अधिगम।
अर्थ विशेषताएं और इस को प्रभावित करने वाले कारक इसके प्रकार शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया में परंपरागत और प्रवर्तनीय विचार।
अधिगम के सिद्धांत एवं गुणवत्ता।
खोजपूर्ण अधिगम:- अर्थ अवधारणा शिक्षण की गुणवत्ता सुधार के सिद्धांत।
खोज के लिए एक अधिगम चक्कर कक्षा कक्ष अनुदेशन रणनीतियां अधिगम प्रक्रिया की नई विचारधारा को समर्थन करने वाले सिद्धांत।
ज्ञान के निर्माण के रूप में अधिगम (एनसीईआरटी 2005) विद्यालय और विद्यालय के बाहर अधिगम और इसका विद्यार्थी की अभिप्रेरणा से संबंध विविध सामाजिक सांस्कृतिक परिस्थितियों में अधिगम।
Unit- 4
अधिगम की शैली।
अधिगम और अधिगम कर्ताओं के बीच विविधता:- पृष्ठभूमि और बहुभाषी की अवधारणा( विशेष आवश्यकताओं के संदर्भ में)
अधिगम और चिंतन शैली:- संप्रत्यय प्रकार और शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में महत्व प्रभावित करने वाले कारक और अधिगम चिंतन शैली में संबंध।
अधिगम में ICT की भूमिका। ICT -Information and Communication Technology(सूचना और संचार प्रौद्योगिकी)
Unit- 5
शिक्षण की शैली।
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया ncf-2005 के संदर्भ में शिक्षण अधिगम की रणनीतियां और विधियां। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (National curriculum framework)
गतिविधि रिसर्च RTE 2009 भूमिका और शिक्षकों की जिम्मेदारियां
RTE- right to education 2009
व्यवसाय के रूप में शिक्षण प्रभावी कक्षा कक्ष की व्यवस्था।
ICT- and teaching
(सूचना संचार प्रौद्योगिकी और शिक्षण।)
Paper- 6A
knowledge and curriculum
(ज्ञान एवं पाठ्यचर्या)
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Unit- 1
ज्ञान की उत्पत्ति
ज्ञान का अर्थ अवधारणा या कंसेप्ट और प्रकृति।districts between data knowledge information and skill teaching and training knowledge and information reason and belief(डेटा ज्ञान जानकारी और कौशल शिक्षण और प्रशिक्षण ज्ञान और सूचना कारण और विश्वास के बीच भेद)
जान की उत्पत्ति की प्रक्रिया सांझा करना और अभ्यास करना। समाज विज्ञान की विभिन्न संरचना और उनके संबंध और रिश्ता।
Unit- 2
पाठ्यक्रम और ज्ञान की उत्पत्ति
पाठ्यचर्या के आधार के रूप में ज्ञान।
पाठ्यचर्या का अर्थ अवधारणा प्राकृतिक घटक और उसका आधार। पाठ्यचर्या के प्रकार:- स्पष्ट छिपा हुआ अनुपस्थित या आसक्त पाठ्यचर्या। ज्ञान की उत्पत्ति के लिए पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम विषय वस्तु और सा पाठ्यचर्या।
Unit- 3
पाठ्यचर्या रूपरेखा के विश्लेषण
सीएफ 2005 और सीएफटी 2010 की मुख्य विशेषताएं और इनका विश्लेषण नियम चिताओं के विभिन्न पहलुओं में संबंध और विचारों के साथ किए गए परिवर्तन।
Unit- 4
पाठ्य पुस्तक और पाठ्यचर्या
पाठ्य पुस्तक :- चयन का मानदंड और पाठ्य पुस्तक का आलोचनात्मक विश्लेषण बच्चों का साहित्य और शिक्षक की पाठ्य पुस्तक।
पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तक के बीच संबंध।
विषय वस्तु का चयन गतिविधियों और कार्यों का विकास।
सीखने को बाहरी दुनिया से जोड़ना:- रखने से हटकर रचनावाद सीखना।
Unit- 5
पाठ्यक्रम और ज्ञान में आधुनिकता और आधुनिकता के बाद
वर्तमान में ज्ञान का अर्थ और संप्रत्यय आधुनिक।
उत्तर आधुनिकता में ज्ञान का अर्थ और संप्रत्यय ।
पाठ्यचर्या स्थानांतरण के माध्यम से ज्ञान प्रक्रिया।
Paper- 7
अधिगम के लिए मूल्यांकन
Assessment for learning
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Unit- 1
मूल्यांकन का संप्रत्यय
मापन आकलन मूल्यांकन का अर्थ और संपत्ति तथा इनका आपस में संबंध मूल्यांकन का उद्देश्य आकलन के सिद्धांत।
मापन और मूल्यांकन के कार्य मूल्यांकन प्रक्रिया के चरण मापन के भेद मापन और मूल्यांकन के उपकरण मूल्यांकन की तकनीकी।
Unit-2
मूल्यांकन के भेद
मूल्यांकन के प्रकार आकलन का वर्गीकरण:- उद्देश्यों के आधार पर (भविष्यवाणी प्रारंभिक नैदानिक और योगात्मक), दायरा शिक्षक द्वारा बनाया गया और मानकीकृत) , मापी गई विशेषता (उपलब्धि योगिता दृष्टिकोण आदि )
एकत्र की गई जानकारी की प्रकृति गुणात्मक मात्रात्मक,
प्रतिक्रिया का तरीका मौखिक और लिखित व्याख्या की प्रकृति मानक संदर्भित मानदंड संदर्भित।
संज्ञानात्मक अधिगम का मूल्यांकन:- संज्ञानात्मक सीखने के प्रकार और स्तर समझ और अनुप्रयोग ,सोच कौशल ,अभिसरण भिन्न महत्वपूर्ण समस्या समाधान और निर्णय लेना उनके मूल्यांकन के लिए आइटम और प्रतिक्रिया
Unit- 3
सतत एवं व्यापक मूल्यांकन।
CCE का अर्थ अवधारणा आवश्यकता प्रक्रिया और विशेषताएं।
अभिवृत्ति मूल्य रुचि बुद्धि व्यक्तित्व आत्म संप्रत्यय का मूल्यांकन संप्रत्य पद एवं प्रक्रिया और इनका आकलन।
ग्रेडिंग:- अवधारणा वेद अनुप्रयोग।
Unit- 4
मूल्यांकन के उपकरण।
प्रोजेक्ट असाइनमेंट वर्कशीट तथा प्रदर्शन आधारित गतिविधियां सेमिनार और प्रतिवेदन एवं मूल्यांकन उपकरण के रूप में प्रयोग।
सेल्फ पीर एंड टीचर एसेसमेंट।
मूल्यांकन का व्यवसायीकरण।
उपलब्धि परीक्षण का निर्माण।
प्रश्नों के प्रकार।
Unit- 5
मूल्यांकन अभ्यास।
पद का निर्माण एवं चयन परीक्षा निर्माण के लिए निर्देशन एवं उसके प्रशासन के लिए निर्देशन।
उत्तम मूल्यांकन प्रणाली की विशेषताएं।
celebrity validity objectivity compatibility, pradcability
Paper- 8
pedagogy of mathematics
Full Nots Link-Paper- 8
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