भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट
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आज हम भारत के प्रथम राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति के पदानुक्रम के अनुसार विस्तार पूर्वक राष्ट्रपति के कार्यों एवं उनके बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे और साथ ही साथ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री डॉ जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्री जी के जीवन व उनके कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे और साथ ही हम हमारे उच्च न्यायालय के बारे में कुछ विशेष जानकारी और प्राप्त करेंगे इसी के साथ साथ हम इन से जुड़े प्रमुख अनुच्छेदों के बारे में भी विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे जो निम्नलिखित अनुसार है:-
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| भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट |
भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट
भारत में प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से वर्तमान में 2023 तक 15 राष्ट्रपति पद ग्रहण कर चुके हैं जो निम्नानुसार हैं एवं उनका कार्यकाल भी साथ में ही है:-
ट्रिक:- राधा जा वी फनी ज्ञावेस् के कपल के साथ
1) डॉ राजेंद्र प्रसाद 1952 से 62
नंबर 2:- डॉ राधाकृष्णन 1962 से 1967
नंबर 3 डॉक्टर जाकिर हुसैन 1967 से 1969
नंबर 4:- वीवी गिरी 1969 से 1974
नंबर 5:- फखरुद्दीन 1974 से 1977
नंबर 6:- नीलम संजीव रेड्डी 1970 से 1982
नंबर 7:- ज्ञानी जेल सिंह 1982 से 1986
नंबर 8:- वेंकटरमन 1987 से 1992
नंबर 9:- शंकर दयाल शर्मा 1992 से 1997
नंबर 10:- के आर नारायणन 1996 से 2002
नंबर 11:- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 2002 से 2007
नंबर 12:- प्रतिभा सिंह पाटिल 2007 से 2012
नंबर 13:- प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017
नंबर 14 रामनाथ कोविंद 2017 से 2022
नंबर 15:- श्रीमती द्रौपदी मुरमू 2022 से...
अब हम सभी राष्ट्रपति के जीवन के परीक्षा को विस्तार पूर्वक देखते हैं विवरण निम्नानुसार
डॉ राजेंद्र प्रसाद:-
यह पैसे से वकील थे अपने पद पर दो बार निर्वाचित हुए और एक बार मनोनीत हुए अर्थात कुल 3 बार इन्होंने पद पर कार्य किया सर्वाधिक मतों से जीतने वाले प्रथम राष्ट्रपति थे इन्हें 99% वोट मिले थे।
डॉ राधाकृष्णन:-
यह एक शिक्षक थे एवं दार्शनिक थे जो प्रथम गैर राजनीतिक राष्ट्रपति थे। नोट:- इन्हें राष्ट्रपति बनने से पूर्व भारत रत्न दिया जा चुका था अर्थात यह एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रतन सम्मान प्राप्त किया
डॉ जाकिर हुसैन:-
प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति थे जिनकी पद पर रहते हुए मृत्यु हुई थी एवं इनके खिलाफ सर्वाधिक लोगों ने चुनाव लड़ा था लगभग 16 व्यक्तियों ने इनके खिलाफ चुनाव लड़ा था इन्हें भी राष्ट्रपति बनने से पूर्व भारत रत्न सम्मान प्राप्त था एवं यह भी पैसे से 1 शिक्षक थे
कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर सर्वप्रथम वीवी गिरी को पदभार सौंपा गया
कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर काम करने वाले राष्ट्रपति की ट्रिक:- वीवी गिरी ने हद कर दी बीड़ी पीने चला गय
नोट:- कार्यवाहक राष्ट्रपतियों की राष्ट्रपति क्रम में गिनती नहीं की जाती है।
वी वी गिरि:- एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति निर्वाचित राष्ट्रपति पद पर कार्य किया है।
फखरुद्दीन अहमद अली:-
यह दूसरे मुस्लिम राष्ट्रपति थे इनकी भी पद पर रहते हुए मृत्यु हो गई थी इनके समय में सर्वाधिक अध्यादेश जारी किए गए थे उनकी मृत्यु के पश्चात बी डी जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर कार्य किया।
नीलम संजीव रेड्डी:-
प्रथम निर्विरोध निर्वाचित होने वाले राष्ट्रपति थे अर्थात इनके विपक्ष में कोई खड़ा नहीं हुआ था पूर्णविराम उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पर भी कार्य किया यह जनता पार्टी के समर्थन में द्वार थे।
ज्ञानी जैल सिंह:-
पढ़े-लिखे राष्ट्रपति थे जिन्होंने पोस्ट ऑफिस बिल पर जेबी वीटो पावर का इस्तेमाल किया था यह एकमात्र राष्ट्रपति थे जिन्होंने वीटो पावर का उपयोग किया है। इनके समय में दल बदल विरोधी कानून लाया गया था 1985 में उस समय प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे।
वेंकटरमन:-
सबसे अधिक उम्र में राष्ट्रपति बनने वाले प्रथम व्यक्ति थे। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक का नाम माय प्रेस थी देसी अस ऑफ इयर्स है।
शंकर दयाल शर्मा:-
इनके समय में दे तरवा एवं 74वां संविधान संशोधन पारित हुए थे जो क्रम से पंचायती राज एवं नगरीय शासन व्यवस्था से संबंधित थे इनके समय में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था का बिल पास हुआ था।
के आर नारायणन:-
प्रथम दलित राष्ट्रपति थे।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम:-
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम था यह एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जो एक वैज्ञानिक एवं दार्शनिक थे इन्हें भी भारत का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भारत रत्न प्राप्त था एवं इन्हें भारत का मिसाइल मैन भी कहा जाता है इनकी निम्न पुत्र के अतिरिक्त महत्वपूर्ण है:- इंडिया 2020 ए विजन फॉर द न्यू मिलियन 2) माय जर्नी और तीसरी इगनाइटेड माइंड लिसनिंग द पावर विदीन इंडिया और इनकी एक आत्मकथा भी है जिसका नाम विंग्स ऑफ फायर है इनकी अन्य पुस्तकों के नाम साइंटिस्ट प्रेसिडेंट इंडिया माय ड्रीम।
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल:-
व्यक्तिगत रूप से 12वीं एमटीएलबी व भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति जी मूलतः महाराष्ट्र राज्य के जलगांव से थी और इनकी शादी राजस्थान के सीकर जिले में इनका ससुराल था गांव छोटी लोसल
प्रणब मुखर्जी:-
इन्हें भी भारत रत्न से पुरस्कृत किया गया था इनका जन्म यूपी के कानपुर में हुआ था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद पर पहुंचे।
रामनाथ कोविंद:-
यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के सदस्य थे इनका कार्यकाल 25 जुलाई 2017 से निरंतर 2022 तक रहा यह पूर्व में राज्यसभा के सदस्य थे उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी मीरा कुमार को हराया था यह अनुसूचित जनजाति के थे 1970 से 1989 के दौरान सर्वोच्च न्यायालय में वकील थे 1994 से 2006 तक के राज्यसभा के सदस्य थे राज्य के थे एक दलित राष्ट्रपति थे।
श्रीमती द्रौपदी मुरमू:-
यह प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। इनका कार्यकाल 2022 से निरंतर ... डॉट डॉट है
भारत के प्रधानमंत्री विवरण
पंडित जवाहरलाल नेहरू:- 1952 से 1964
देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे जिनका कार्यकाल सर्वाधिक समय तक रहा अर्थात 17 वर्षों तक इन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कार्य किया इनके समय में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का जन्म हुआ यह गुटनिरपेक्ष आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे इनके समय एशियाई खेलों का शुभारंभ हुआ था इन्हें पंचवर्षीय योजनाओं का जनक भी कहा जाता है इन्हें विदेश नीति का सूत्रधार भी कहा जाता है 1954 में इनके द्वारा चीन के साथ पंचशील का समझौता भी किया गया है। जब तक यह प्रधानमंत्री रहे विदेश मंत्रालय का भार अपने पास रखा इनकी मृत्यु के बाद दिल्ली में समाधि बनाई गई जिसे शांति 1 या कल से जाना जाता है।
लाल बहादुर शास्त्री:- 1964 से 1966
इन्हें भारत का शांति पुरुष भी कहा जाता है इन के समय में 1965 में भारत-पाक प्रथम युद्ध हुआ था जिसमें पाकिस्तान ने सबसे पहले भारत पर आक्रमण किया था और उसी के जवाबी हमले में लाल बहादुर शास्त्री जी ने उनका जवाब देते हुए चीनी गई जमीन है वापिस पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र से छोटा ली और पाकिस्तान की जमीन भी भारत के कब्जे में ले ली परंतु युद्धविराम के पश्चात 1966 में सोवियत गणराज्य उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में रूस की अध्यक्षता में समझौता हुआ था जिसे ताशकंद समझौत कहा गया इस समझौते में रूस ने भारत के साथ विश्वासघात किया एवं उसी रातलाल बहादुर शास्त्री जी के रहस्य में मृत्यु हो गई। इनकी मृत्यु के बाद दिल्ली में समाधि बनाई गई जो दिल्ली मैं स्थित है जिसे विजय घाट के नाम से जाना जाता है इनकी एक आत्मकथा भी है जिसे एन ऑटो बायो स्पेयर या मेरी कहानी।
इंदिरा गांधी:- 1966 से 1977
जब लाल बहादुर शास्त्री जी की रहस्य मृत्यु के बाद भारत में अगले प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की बेटी श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बने इनकी उम्र कम होने के कारण एवं कम बोलने के कारण इन्हें गूंगी गुड़िया भी कहा जाता था लेकिन कुछ ही समय में इन्होंने अपने आप को आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध किया इनके कार्यकाल में सर्वाधिक अध्यादेश पारित किए गए इन्हीं के कार्यकाल में बांग्लादेश स्कोर पाकिस्तान से आजादी मिलेया इंदिरा गांधी जी ने ही दिलवाई 1971 में इस समय रूस ने भी भारत का साथ दिया था। एवं इन्हीं के समय सिक्किम भी भारत में सम्मिलित हुआ था। और इन्हीं के समय बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था। जिस समय यह प्रधानमंत्री बने उस समय यह राज्यसभा की सदस्य थी। इनके समय भारत-पाक युद्ध हुआ तथा संविधान का सबसे बड़ा संशोधन अधिनियम 42 पारित हुआ जो 1976 में हुआ था। नोट:- इसे भारतीय सविधान का लघु संविधान भी कहा जाता है। इन्हें 1984 में हुए दिल्ली दंगों में सिखों के मार्मिक घटना के आरोपों का सामना करना पड़ा इसी कारण इन्हीं के बॉडीगार्ड ऑन द्वारा इंदिरा गांधी जी को गोली मार दी गई और इनकी मृत्यु हो गई। इनकी समाधि भी दिल्ली में स्थित है जिसे शक्ति स्थल कहा जाता है।
मोरारजी देसाई 1977 से 1979:-
यह सबसे अधिक उम्र के प्रधानमंत्री हैं यह विशुद्ध गैर कांग्रेस के सदस्य के रूप में प्रधानमंत्री बने थे इनके समय में संपत्ति के अधिकार को हटाकर कानूनी अधिकार बनाया गया इनके समय कि 44 में सविधान संशोधन पारित हुआ। प्रधानमंत्री बनने से पूर्व प्रधानमंत्री के पद पर चुके थे। नोट:- कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे प्रथम जगजीवन राम और दूसरे चौधरी चरण सिंह
चौधरी चरण सिंह:-
ऐसे प्रधानमंत्री थे जो संसद में कभी मंत्री बने बगैर सीधे प्रधानमंत्री बने इन्होंने लोकसभा का सामना नहीं किया था अटल बिहारी वाजपेई के बाद दूसरे प्रधानमंत्री थे जिनका कार्यकाल सबसे कम है।
इंदिरा गांधी:- 1980 से 1984:-
पद पर रहते हुए सुरक्षा गार्डों के द्वारा इनकी हत्या कर दी गई इस सुनाइए राज्यसभा के सदस्य दी दिल्ली में स्थित इन की समाधि को शक्ति स्थल के नाम से जाना जाता है इन्हें आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है इन्हीं के शासन आपातकाल की घोषणा या इमरजेंसी लगी थी। इन्हीं के समय नसबंदी का कार्यक्रम हुआ था।
राजीव गांधी:-
भावना एवं 61 वा संविधान संशोधन इन क कार्यकाल में हुआ 21 मई 1991 में तमिलनाडु राज्य में
पीतमपुर नामक स्थान पर बम विस्फोट के द्वारा इनकी हत्या कर दी गई। इन्हीं के समय दल बदल कानून पारित हुआ और इन्हीं के समय श्रीलंका में एलटीटीई समस्या का समाधान भी हुआ और इन्हीं के समय कंप्यूटर का भारत में आगमन हुआ और इन्होंने ही वोट की उम्र 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी। इनकी समाधि भी दिल्ली में स्थित है जिसे वीर भूमि के नाम से जाना जाता है।
वीपी सिंह या विश्व प्रताप सिंह
इनके कार्यकाल में मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की गई इन के समय में भारत में सबसे ज्यादा आत्मदाह की घटना घटित हुई।
चंद्रशेखर:-
इन्हें भारत का युवा तुर्क भी कहा जाता है यह जनता दल के समर्थित है बिना मंत्री पद के सीधे प्रधानमंत्री चुने गए थे।
पीवी नरसिम्हा राव:- 1991 से 1996
इनके समय में आर्थिक उदारीकरण नीति का सूत्रपात हुआ इनके समय में ही आठवीं पंचवर्षीय योजना सफल रही इन के समय में अटल बिहारी वाजपेई वित्त मंत्री थे।
अटल बिहारी वाजपेई
यह प्रथम विश्व युद्ध गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिनका कार्यकाल सबसे कम रहा अर्थात मात्र 13 दिनों का कार्यकाल रहा था इनके बाद देव घोड़ा इंद्र कुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने एवं उनका दूसरा कार्यकाल पूरा हुआ महत्वपूर्ण तथ्य:- भारत रतन पदम विभूषण सरदार पटेल पुरस्कार बिहारी पुरस्कार से पुरस्कृत किया था। इनका निधन 16 अगस्त 2018 में हुआ था इनकी निम्न पुस्तके है
विवरण नंबर 1 रग रग में हिंदू मेरा परिचय नंबर दो कैदी कविराय नंबर 3 सेकुलर नंबर 4 मृत्यु या हत्या नंबर 5 अमन चयन नंबर 6 अमर आग नंबर 7 संसद के तीन दशक।
मनमोहन सिंह:- 2005 से 2014 तक
असम राज्य से राज्यसभा के सदस्य थे। 2008 में भारत को वैश्विक संकट अर्थात आर्थिक मंदी के दौर से बचाने वाले एक महान अर्थशास्त्री भी हैं। यह दो बार प्रधानमंत्री के पद पर रह चुके हैं।
नरेंद्र मोदी:- 2014 से लगातार
स्वतंत्र भारत के जन्म में प्रथम प्रधानमंत्री हैं इनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन आर एस एस के कार्य के रूप में किया वडोदरा गुजरात से इनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ जहां से चार बार विधायक बने। उन्होंने योजना आयोग का नाम बदलकर तथाकथित परिवर्तन नीति आयोग कर दिया गया नीति आयोग का शुभारंभ 1 जनवरी 2015 से किया गया है नीति आयोग का अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री होता है। यह दुनिया में प्रसिद्ध नेताओं में शुमार प्रसिद्धि पाने वाले एक विश्व नेता के रूप में जाने जाते हैं श्रीमान नरेंद्र मोदी।
मंत्री परिषद
राष्ट्रपति अनुच्छेद 74 के अनुसार अपनी कार्यपालिका शक्ति का विस्तार करने हेतु प्रधानमंत्री की सलाह से मंत्री परिषद का गठन करता है। अर्थात भारत के राष्ट्रपति जब कोई पार्टी जैसे बीजेपी जीत कर आती है तो बीजेपी का प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को केंद्रीय मंत्रियों की एक सूची देगा जैसे प्रधानमंत्री मोदी जी ने विदेश मंत्रालय एस जयशंकर जी को दिया है अर्थात कहने का मतलब यह है की प्रधानमंत्री ही देश के प्रत्येक मंत्रालय के मंत्री को चुनकर और राष्ट्रपति को वह लिस्ट या सूची देता है। और राष्ट्रपति जी उस सूची पर हस्ताक्षर कर देते हैं। और उनको संसद में शपथ दिलाकर मंत्री पद ग्रहण करवाया जाता है।
कार्यपालिका शक्ति का या मंत्री परिषद का वास्तविक प्रधान प्रधानमंत्री होता है। किंतु संवैधानिक प्रधान राष्ट्रपति होता है। अर्थात भारत के मंत्रियों को प्रधानमंत्री जी का आदेश मानना होता है। लेकिन प्रधानमंत्री जी जो भी आदेश देते हैं वह एक पेपर पर लिख कर देते हैं और उस पर राष्ट्रपति जी के साइन होना अनिवार्य है संविधान के अनुसार इसलिए मंत्रिपरिषद या कार्यपालिका शक्ति का वास्तविक अधिकार तो प्रधानमंत्री होता है और संवैधानिक प्रधान राष्ट्रपति होता है।
मंत्री परिषद मैं मुख्यतः निम्न प्रकार के मंत्री होते हैं या मंत्रियों के प्रकार:-3
1.कैबिनेट मंत्री
2.राज्य मंत्री
3.उप मंत्री या अन्य मंत्री
यह मंत्रियों का एक समूह होता है जो प्रधानमंत्री जी को सलाह देता है। मंत्रियों की संख्या संसद के 10% और लोकसभा के 15% लोग होते हैं।
स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त होने की स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्यों को मंत्री बनाया जाता है। जैसी स्थिति भारत में मंत्री परिषद की है वैसी ही स्थिति द्विसदनीय राज्यों में राज्य मंत्री परषद की होती है।
मंत्रिमंडल
मंत्री परिषद में कैबिनेट स्तर के मंत्रियों को मिलाकर मंत्रिमंडल बनाया जाता है। इनके पास अपने कार्यों का स्वतंत्र प्रभार होता है अर्थात इन्हें देश के प्रधानमंत्री के आदेश के अलावा किसी और से आदेश लेने की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात इनके पास स्वतंत्र प्रभार होता है। लेकिन राज्य मंत्री उप मंत्री इनके अधीन कार्य करते हैं। अर्थात राज्य मंत्री और उप मंत्री को कैबिनेट मंत्री से आदेश लेकर ही किसी कार्य को किया जाता है।
नोट:- संसद का कोई भी सदस्य मंत्री बन सकता है किंतु संसद के बाहर का सदस्य 6 माह के बाद तक सदस्यता ग्रहण नहीं कर सकता तो मंत्री पद से हटा दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट स्तर का मंत्री माना जाता है।
उप प्रधानमंत्री
संविधान में इनका उल्लेख नहीं किया गया है परंतु मंत्री परिषद एवं पीएम अपनी आवश्यकताओं पर इस पद पर चयन कर सकते हैं।
और ऐसा भारत में कई बार हुआ भी है पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में सरदार वल्लभभाई पटेल उप प्रधानमंत्री के पद पर थे।
और दूसरी बात श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री के पद पर थे
और मोरारजी देसाई के समय चौधरी चरण सिंह जी उप प्रधानमंत्री के पद पर थे
और चरण सिंह के समय वाईव चंद्रचूड़
उप प्रधानमंत्री के पद पर थे।
डीपीसी के समय देवीलाल उप मुख्यमंत्री के पद पर थे और अटल बिहारी वाजपेई के समय श्रीमान लाल कृष्ण आडवाणी उप मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं।
अनुच्छेद 75 में राष्ट्रपति द्वारा संसद में सांसद बहु दल के नेता को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त किया जाता है।
राष्ट्रपति द्वारा मुख्यमंत्री परिषद के सदस्यों को या मुख्य को पद की शपथ दिलाई जाती है अर्थात प्रधानमंत्री और मंत्रियों को राष्ट्रपति शपथ दिलाते हैं। पीएम लोकसभा में सांसद दल का नेता होता है।
शपथ एवं त्याग पत्र
राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री त्याग पत्र सोपता है अपना और राष्ट्रपति के द्वारा ही शपथ दिलाई जाती है प्रधानमंत्री जी को।
प्रधानमंत्री जी का कार्यकाल
लोकसभा के विश्वास तक
प्रधानमंत्री को पद से हटाए जाने की प्रक्रिया के लिए लोकसभा के सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित करना होता है। यह केंद्रीय मंत्रिमंडल का वास्तविक प्रधन
पूर्व में योजना आयोग का अध्यक्ष वर्तमान में नीति आयोग का अध्यक्ष राष्ट्रीय पदेन अध्यक्ष होता है। अब तक सर्वाधिक प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश राज्य ने दिए हैं 8 प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से बने हैं।
निवास स्थान प्रधानमंत्री जी का
7 रिस् कोर दिल्ली
सर्वोच्च न्यायालय
अनुच्छेद 124 से 147 तक इसका प्रावधान है 1773 का रेगुलेटिंग एक्ट के अंतर्गत भारत में सर्वप्रथम कोलकाता में एक न्यायालय की स्थापना की गई इसके निर्णय के विरुद्ध अपील लंदन में पृवी काउंसिल लंदन में की जा सकती थी। इसी लाइन पर को प्रथम न्यायाधीश बनाया गया संविधान लागू होने के समय इसे कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया न्यायाधीशों की संख्या में वेतन भत्ते आदि में भी कमियां बढ़ोतरी करने का कार्य संसद का होता है।
निम्न समय में परिवर्तन हुए संविधान लागू होने के समय 26 जनवरी 1950 में एक मुख्य न्यायाधीश होता था और 17 उसके सहायक न्यायाधीश होते थे।
1950 में एक मुख्य न्यायाधीश और 9 सहायक न्यायाधीश उसके बाद 1960 में संशोधन कर एक मुख्य न्यायाधीश और 13 सहायक न्यायाधीश हुए और 1977 में संशोधन कर एक मुख्य न्यायाधीश प्लस 17 सहायक न्यायाधीश किए गए और 1986 में एक मुख्य न्यायाधीश और 25 सहायक न्यायाधीश किए गए और 2008 में एक मुख्य न्यायाधीश हो रहे 30 सहायक न्यायाधीश हुए और 2021-22 में एक मुख्य न्यायाधीश और 33 सहायक न्यायाधीश कार्यरत हैं।
नियुक्तियां राष्ट्रपति द्वारा वरिष्ठता के आधार पर दी जाती है सभी न्यायाधीशों को। पदार्थ न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जा सकती है किंतु इनका कार्यकाल 2 वर्ष तक होता है अनुच्छेद 127 के अनुसार।
योग्यताएं
भारत का नागरिक हूं किसी उच्च न्यायालय में 5 वर्ष तक लगातार न्यायाधीश पद पर कार्य किया गया हो अथवा किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में कार्य किया गया हो अथवा राष्ट्रपति की नजर में अच्छा अधिवक्ता हो । अथवा किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक किसी कानून के पद पर कार्य किया हो। इस पद हेतु या मुख्य न्यायाधीश पद हेतु वरिष्ठता का ध्यान रखा जाता है ।
नोट:- निम्न समय वरिष्ठता का उल्लंघन किया गया
1964 में मुख्य न्यायाधीश इमाम की वरिष्ठता को नहीं मानकर गजेंद्रगड़कर को मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 1973 में ग्रोवर शेल्टन हेकड़े की वरिष्ठता का उल्लंघन कर अजीत नाथ रे को मुख्य न्यायाधीश बनाया गया इंदिरा गांधी के समय प्रधानमंत्री
1978 में 22 जून को मुख्य न्यायाधीश बनाकर वरिष्ठता के क्रम को पुणे प्रारंभ किया गया
शपथ:- राष्ट्रपति द्वारा
नियुक्ति:- राष्ट्रपति द्वारा वरिष्ठता के आधार पर मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है जया सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देता है। पद से हटाने की प्रक्रिया कदाचार एक समस्या दूर व्यवहार के आधार पर महाभियोग द्वारा पद से हटाया जा सकता है लेकिन इस प्रस्ताव पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर आवश्यक हैं। नोट:- अब तक किसी भी मुख्य न्यायाधीश को उसके पद से नहीं हटाया गया है अर्थात महाभियोग नहीं लगाया गया है। वेतन मुख्य न्यायाधीश का 280000 और अन्य सहायक न्यायाधीशों का ₹250000 है जो भारत की संचित निधि से दिया जाता है एवं आयकर रहित होता है।
कार्यप्रणाली:- इसके फैसले आमतौर पर खुले आम होते हैं संविधान की व्याख्या राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के कार्यों की सुनवाई के लिए कम से कम 5 न्यायाधीश एवं अन्य मामलों में 3 तीन न्यायधीश आवश्यक होते हैं। इसके निर्णय अंग्रेजी भाषा में लिखे जाते हैं एवं सर्वोच्च न्यायालय में अंग्रेजी भाषा का ही उपयोग होता है।
सर्वोच्च न्यायालय के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:-
सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश हीरालाल जी कहानियां थे। सर्वोच्च न्यायालय की प्रथम मुख्य न्यायाधीश महिला मीरा फातिमा बीवी थी सर्वाधिक समय तक इस पद पर रहने वाले व्यक्ति भाई भी चंद्रचूड़ रहे थे वाईवी चंद्रचूड़ 7 वर्ष तक इस पद पर रहे थे। सबसे कम समय तक इस पद पर रहने वाले व्यक्ति के एन सिंह
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश:-...... कृपया स्वयं देखें वक्त बदलते रहते हैं
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